Wednesday, February 21, 2024

Sharir ke Kitane Part Hote hai.शरीर के तीन तल रहते है

 

शरीर के तीन तल रहते है: पहला भौतिक जिसके स्वामी है 7 इन्द्रिय 5 कर्म इन्द्रिय (नाक, मुंह, आंख, कान, खाल) और 2 ज्ञान इन्द्रिय (लिंग, मस्तिश्क)

यह भौतिक तल पर मनुष्य भौतिक संसार के दर्शन करता है।

दूसरा तल मानसिक/आध्यात्मिक है जिसका स्वामी है मन। यह मन मानसिक तंत्र का स्वामी रहता है और इसी में से अहम उतपन्न होता है। अहम होना जरूरी है क्यूंनकि इसी से ही भौतिक तल चलायमान रहता है। कई बार अहम इतना गहरा हो जाता है कि यह व्यक्ति के मानसिक तल को कालिमा से युक्त करके उसके मानसिक तल को ब्लॉक कर देता है। फलस्वरूप व्यक्ति को भौतिक तल पर ही जीना पड़ता है और मानसिक तल कभी कभी ही उसे महसूस होता है।

अंतिम तल है अज्ञात क्यूंनकि उसके बारे में बड़े बड़े ज्ञानी ध्यानी भी कुछ नही बता पाते है। उसमें जाने के बाद आप सत चित आनंद को प्राप्त करते है।

इस तल का स्वामी है आत्मा जो कि मन और इंद्रियों से ऊपर है।

मन का main काम व्यक्ति के अंदर अहम को उतपन करना होता है, यह बिल्कुल किसी गाड़ी के ingine जैसा है जिसका काम गाड़ी में ऊष्मा डालकर उसे चलाना होता है, बिना मन के अहम नही होगा और बिना अहम के इच्छा नही होगी।

मन उतना ही जरूरी है जितना गाड़ी में इंजन का होना लेकिन मन से निकलने वाले अहम को काबू करने की भी जरूरत रहती है। अगर अहम (ego) हद से ज्यादा हो जाये तो वह अध्यतामिक तल को धूमिल करके मनुष्य को आत्मिक तल पर जाने से रोकती है।

अखंड मंडलाकारं व्याप्तम येन चराचरम।

 अखंड मंडलाकारं व्याप्तम येन चराचरम।

तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्री गुरवे नमः।।

अर्थ : इस श्लोक का भावार्थ इस प्रकार है। ब्रह्मांड में अखंड स्वरूप उस प्रभु के तत्व रूप को मेरा नमन है जो मेरे भीतर प्रकट होकर मुझे साथ-साथ आत्मज्ञान के दर्शन कराता है। जो अखंड है जो इस पूरे ब्रह्मांड में समाहित है जो चर और अचर में तरंगित है।  उस प्रभु के परम तत्व स्वरूप को मैं नमन करता हूं जो मेरे भीतर प्रकट होकर मुझे साक्षात आत्मज्ञान के दर्शन कराता है। गुरु स्वरूप उस तत्व को मेरा शत-शत नमन है वही गुरु ही पूर्ण परम तत्व है। ऐसे परम तत्व स्वरूप गुरु को मेरा नमन है।


Wednesday, February 8, 2023

पैसे कैसे कमाए, अमीर बने, सफलता कैसे पाए How to become rich..how to earn money

 

पैसे कैसे कमाए

अमीर बने, सफलता कैसे पाए


दोस्तों दुनिया में कौन ऐसा इंसान होगा जो अमीर, पैसेवाला बनना चाहे सभी की यही चाहत होती है की उसके पास दुनिया की सम्पूर्ण दौलत हो और वह अम्बानी, जेफ़ बेजोस, बिल गेट्स, मित्तल जैसा धनवान हो परन्तु अमीर बनना इतना भी सरल नहीं है की अमीर बनने के लिए आपको निरंतर कठिन परिश्रम करने की आवश्यकता होती है और ये लगन आपको कुछ साल में दिखाई देने लगती है दुनिया में जितने भी अमीर या धनवान लोग है उन्होने अपने जीवन का एक लक्ष्य बनाया और उस पर निरंतर बिना रोके काम किया जब तक आप लक्ष्य का निर्धारण नहीं करेंगे तब तक आपको पता ही नहीं चलेगा की आपको करना क्या है

. अमीर बनने के लिए सबसे पहले आप अपना लक्ष्य निर्धारण करे और उसको पूरा करने में अपनी पूरी ऊर्जा लगा दे

. लक्ष्य निर्धारण के बाद आप निरंतर कठिन परिश्रम करते रहे हो सकता है आपको लक्ष्य तक पहुंचने में अनेक कठिनाईयां आये आपको धैर्य रखना है

. धैर्य रखते हुए अपने लक्ष्य की तरफ अपने कदम बढ़ाते चले रोकना नहीं है चाहे कितनी भी बाधाएं आये

. आप कई बार असफल भी होंगे परन्तु इसका मतलब ये नहीं की, आप कभी सफल नहीं होंगे आप निरंतर परिश्रम करते रहे क्योंकि लोहा जितना तपता है उतना मजबूत होता है

. जितने भी महान और सफल लोग है उन्होंने अपने जीवन में अनेक बार असफलता देखी है परन्तु उनका हौसला कभी अपने लक्ष्य से डिगा नहीं और अधिक ऊर्जा से उस काम में लग गए थे

. अमीर बनने के लिए आपको कुछ नया और एकदम अलग आईडिया खोजना पड़ेगा जो आपको बहुत अमीर बना देगा

. फ्लिपकार्ट कंपनी को ही ले जब इसकी शुरुआत एक गोदाम से हुई और लोगो ने बोला की ऑनलाइन सामान कौन खरीदेगा परन्तु लोग गलत साबित हुए और कंपनी ने लोगो को मालामाल कर दिया.

. रतन टाटा ने भी लखटकिया कार बनाने में अपना सब बहुत पैसा खर्च किया परन्तु कार इतनी सफल नहीं हुयी इससे पता चला की जरूरी नहीं की आप हर जगह सफल हो लेकिन इरादा बहुत मजबूत होना चाहिए

. विलियम फोर्ड ने जब दुनिया की पहेली कार बनायीं जब लोगों ने देखा तू बोले ये कैसे चलेगी ये तो चल ही नहीं पायेगी, जब कार चलने लगी तो बोलने लगे की अब ये रुकेगी ही नहीं तो आप निश्चिंत होकर अपने लक्ष्य में लग जाये और लोग क्या बोलेगे सोचे और अपने लक्ष्य की तरफ निरंतर बढ़ते रहे आप एक दिन अवश्य सफल होंगे और दुनिया के सबसे अमीर इंसान बन जायेगे इसमें कोई शक नहीं है

१०. अमीर लोग भी हममे से ही है वो किसी दूसरी दुनिया से नहीं आये बस उनमे और हममे फर्क सिर्फ इतना है की उन्होंने अपने जूनून को कभी छोड़ा नहीं और निरंतर उस पर लगे रहे उनको पूर्ण विश्वाश था की एक एक दिन सफल जरूर होंगे

११. जब आप सफल होते है तो धन, मान, सम्मान और सुकून अपने आप मिलता जाता है

१२. हर इंसान अपने जीवन में सफल और धनवान हो सकता है बसर्ते वह खुद को यह विश्वास दे पाए की एक एक दिन आप अवश्य ही सफल और धनवान हो जायेगे ये बात आपको माननी ही पड़ेगी तभी आप उस तक पहुंच सकते है

१३. जो लोग जितने सकारात्मक होते है उनके सफल होने की सम्भावना अधिक होती है और ये अपने जीवन को सफल बना कर ही दम देते है

१४. यदि आप खुद पर विश्वास करते है तो आप दुनिया को जीत सकते है और यही आपका आत्मविश्वास मजबूत बनाता है

Yoga and lifestyle changes for Parkinson's Disease patient . योग और प्राणायाम से पार्किंसन रोग को ठीक कर सकते है

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