Yog and
Pranayam for COVID Warriors
कोविड योद्धाओं के लिए योग एवं प्राणायाम
कोविद योद्धाओं के तनाव को कम करने के लिए योग एवं प्राणायाम
जैसा
की आप सब
जानते है कोविद
महामारी से सम्पुर्ण
विश्व परेशान है
वही अब तक लाखों
लोगों ने अपनी
जान गवा दी
है। वही इस
महामारी से लड़ने
में हमारे स्वास्थकर्मी
जैसे डॉक्टर, नर्स,
लैब टेक्निशन, पैरामेडिकल
स्टाफ, सफाई और
सुरक्षा कर्मचारी अपनी जान
की परवाह न
करते हुए, हम
सब को इस
महामारी से बचाने
में दिन रात
काम कर रहे
है । आज
हम सब मिलकर
इन योद्धाओं को
धन्यबाद और अभिनन्दन
करते ताकि ये
सदैव स्वस्थ और
दीर्घ आयु हो
। परन्तु ये
लोग भी तो
हम आप जैसे
ही आम इंसान
है लगातार काम
और ड्यूटी अधिक
करने के कारण
ये लोग भी
तनाव, अनिद्रा और
अवसाद से ग्रस्त
हो रहे है
। अतः ऐसे
में हम सब
का परम दायित्व
बनता है की
स्वास्थकर्मी स्वस्थ रहे तभी
इस विश्व का
कल्याण है ।
इस
कामना के साथ
आज मैं स्वास्थ
एवं सभी सुरक्षा
कर्मियों के लिए
कुछ सूक्ष्म योगिक
आसन और प्राणायाम
बताने जा रहा
हूँ । जिनके
माध्यम से सभी
लोग तनाव रहित,
खुशहाल और स्वस्थ
जीवन जी सकते
है । तो
आइये जानते है
वो कौन-कौन
से योगासन और
प्राणायाम है जिनके
द्वारा स्वस्थ जीवन की
कल्पना की जा
सकती है ।
योग
पिछले कई दशकों से आधुनिक बिमारियों जैसे मानसिक तनाव, मोटापा, डायबिटीज, उच्य रक्तचाप,
ह्रदय घात, गंभीर श्वशन रोग, दमा, अस्थमा एवं माइग्रेन आदि रोगों में चिकित्सीय उद्देश्य
में अनुशंधान का प्रमुख विषय बना हुआ है । अनेक शोध अध्ध्यनों से स्पस्ट है की योग
के द्वारा प्राचीनकाल से ही अनेक तरह की रोगों एवं गंभीर बिमारियों को ठीक करने में
सहायक है, साथ ही इसके अभूतपूर्व लाभ एवं प्रभाव देखने में आते है। वर्तमान में जितने
भी शोध कार्य हो रहे है उनमे योगासन एवं प्राणायाम के माधयम अनेक रोंगो का इलाज सफलतापूर्वक
किया जा रहा है। योग द्वारा इन रोगों को बिना किसी औषधि से ठीक कर रहे है । योग, प्राणायाम,
ध्यान आदि की निरंतर अभ्यास से अनेक रोगों से बचा जा सकता है। आजकल लोगों में आम धारणा
यह है की योग के द्वारा सिर्फ बीमारियों को सही किया जाता है और जब आप रोगग्रस्त हो
तो योग करे है जबकि योग इससे भी कही आगे है का विज्ञान है ।
योग एक आध्यत्मिक प्रक्रिया एवं विज्ञान है, जिसके द्वारा शरीर, मन (इन्द्रियों)
और आत्मा को एक साथ लाने का कार्य ही योग है । इस प्रकार ‘योग शब्द का अर्थ हुआ- समाधि
अर्थात् चित्त वृत्तियों का निरोध । महर्षि पतंजलि ने योगदर्शन में, जो परिभाषा दी
है वो इस प्रकार है 'योगश्चित्तवृत्तिनिरोधः',
चित्त की वृत्तियों के निरोध का नाम योग है।
योग से कर्मो
में कुशलता आती
है और व्यक्ति
दुःख सुख में
समान भाव से
जीवन यापन करता
है ।
योग
करने के लिए
प्रातःकाल सबसे उत्तम
समय है किन्तु
जिन लोगों के
पास सुबह करने
का समय नहीं
है वो शाम
को भी कर
सकते है किन्तु
पेट खाली होना
चाहिए और ४
घंटे पहले खाना
खाया हो तभी
करे। अब योग
करने के लिए
सबसे पहले खुले
आसमान के निचे
करे और स्वस्छ
वातावरण हो , और
मन को शांत
चित करके ही
करे अन्यथा आपको
वांछित लाभ नहीं
मिलेगा।
थोड़ा सा व्यायाम
करने के पश्चात्
आप योगासन प्रारम्भ
कर सकते है
खड़े होकर किये
जाने
वाले
योगासन
१. सूर्यनमस्कार : ये आसन
सम्पूर्ण शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक है साथ ही पुरे शरीर की मररमत हो जाती है २ मिनिट ।२. वृक्षासन
: दोनों पैरों को मजबूती
देता है और
शरीर के संतुलन
को बनाने में
सहायक है ।
३. ताड़ासन : ये आसन
शरीर के सभी
जॉइंट्स और नशों
की मर्रम्मत करता
है १ मिनिट
।
बैठ कर किये
जाने
वाले
आसन
सबसे पहले पद्मासन
या सुखासन में
बैठ जाये और
कमर, गर्दन को
सीधा रखे अब
लम्बी गहरी श्वास
ले और छोड़े
दस बार ये
करे अपने चित्त
और मन को
शरीर पर लगाए
और पूरा ध्यान
अपनी सांसों को
देखने में लगाए
१. वज्रासन
: ये आसन अनेक
पेट सम्बन्धी रोगों
में लाभप्रद है
और सम्पूर्ण शरीर
को मजबूत बनाता
है २ से
तीन मिनिट ।
२. बालकसन
: ये आसन तनाव,
अनिद्रा, अवसाद और मेमोरी
को ठीक करने
में सहायक है
२ मिनिट ।'
३.
३. पश्चिमोत्तान : ये आसन
आपके कमर, मेरुदंड
और पैरों को
मजबूती देता है
साथ ही मंद
के लिए भी
बहुत अच्छा आसन
है २
बार ।
पीठ के बल
लेटकर
किये
जाने
वाले
योगासन
१. मकरासन : पीठ, कमर
दर्द, मेरुदंड और
सर्वाइकल के लिए
लाभदायक है : २
से ३ मिनिट
दोनों पैरों से
करना है ।
२. उत्तानपाद आसन
: ये आसन, पेट
के रोगों और
मोटापा से लड़ने
में मददगार है
२ मिनिट ।
४. शवासन
: ये बहुत ही
आरामदायक आसन है
जब आपको थकान
महसूस हो इस
आसन को करे
अनिद्रा की समस्या
को दूर करने
में सहायक है।
Pranayaama:
अब आसन के
पश्चात् आप प्राणायाम
की तरफ चलेंगे
प्राणायाम करने के
लिए शांत चित
होकर बैठे और
मन, चित और
शरीर को एक
साथ रखते हुए
आंखे बंद करके
अभ्यास प्रारम्भ करे ।
प्राण अर्थात्
साँस आयाम याने दो साँसो मे दूरी बढ़ाना, श्वास और नि:श्वास की गति को
नियंत्रण कर रोकने व निकालने की क्रिया को प्राणायाम कहा जाता है। श्वास-लेने सम्बन्धी
खास तकनीकों द्वारा प्राण पर नियंत्रण श्वास नियंत्रण और सांस लेने की तकनीक का अभ्यास
जागरूकता के साथ करना, श्वास को धीमा और सूक्ष्म बनाना। साँस लेना और छोड़ने के बीच
का ठहराव समाप्त हो जाता है। यह मन और एकाग्रता (dranrana) के नियंत्रण में मदद करता
है।
१. कपालभाति प्राणायाम
: ये प्राणायाम बहुत ही
लाभदायक है धीरे
धीरे करे और
थकान होने पर
रुक जाये ३
मिनिट
२. अनुलोम विलोम
: ये प्राणायाम आपके अंदर
ऑक्सीजन की मात्रा
को बढ़ाकर शरीर
को स्वस्थ होता
है ।३ मिनिट
3. नाड़ी
शोधन
: ये प्राणायाम आपके फेफड़ों
को मजबूत करता
है और रेस्पिरेटरी
सिस्टम को ठीक
करता है ३
मिनिट।
4. ॐ
का
जाप
: ॐ मंत्र जाप के
अनेकों लाभ है
और मेमोरी को
तेज करने में
सहायक है : ५
बार ।
5 भ्रामरी
प्राणायाम
: ये दिमाक को ठीक
करता है और
मेमोरी को तेज
करता है , तनाव
और अनिद्रा को
कम करने में
सहायक है
ये सभी प्राणायाम
है जो मन,
चित्त और शरीर
को स्वस्थ रखने
में सहायक है
साथ ही प्राणायाम
से आपके अंदर
ऑक्सीजन का स्तर
बढ़कर शरीर में
स्फूर्ति लाने का
कार्य करता है
।
योगासन एवं प्राणायाम के लाभ
·
शरीर की सभी महत्वपूर्ण ग्रंथियों, जैसे पिट्यूटरी, थायरॉइड, पैराथायरॉइड, एड्रिनल, लीवर, पैंक्रियाज, ओवरी आदि ग्रंथियों के स्रव को संतुलित करने में मदद करता है।
·
शरीर के सभी संस्थान, रक्त संचरण, श्वास, पाचन, उत्सर्जन, नाड़ी तथा ग्रंथियों को क्रियाशील एवं सशक्त करता है।
·
पाचन सम्बन्धी समस्याओं, अपच, कब्ज, बदहजमी, गैस, अफारे तथा भूख न लगने जैसी समस्याओं के समाधान में बहुत ही उपयोगी भूमिका निभाता है।
·
वात, पित्त तथा कफ को संतुलित करने में मदद करता है। त्रिदोष निवारण में मदद करता है।
·
इसके अभ्यास से रक्त संचालन तीव्र होता है तथा चयापचय की गति बढ़ जाती है, जिससे शरीर के सभी अंग सशक्त तथा क्रियाशील होते हैं।
·
इसके नियमित अभ्यास से मोटापे को दूर किया जा सकता है और इससे दूर रहा भी जा सकता है।
·
इसका नियमित अभ्यास करने वाले व्यक्ति को हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, निम्न रक्तचाप, मधुमेह, गठिया, कब्ज जैसी समस्याओं के होने की आशंका बेहद कम हो जाती है।
·
मानसिक तनाव, अवसाद, एंग्जायटी आदि के निदान के साथ क्रोध, चिड़चिड़ापन तथा भय का भी निवारण करता है।
·
रीढ़ की सभी वर्टिब्रा को लचीला, स्वस्थ एवं पुष्ट करता है।
·
पैरों एवं भुजाओं की मांसपेशियों को सशक्त करता है। सीने को विकसित करता है।
·
शरीर की अतिरिक्त चर्बी को घटाता है।
·
स्मरणशक्ति तथा आत्मशक्ति में वृद्धि करता है।
Fight COVID 19 WITH YOGA AND MEDITATION - Self4Society
योगी डॉ अनूप
कुमार बाजपाई
आयुष योग एवं
वैलनेस क्लिनिक, गुडगाँव
मोब: 8882916065