Tuesday, December 17, 2024

Bhui Amla Health Benefits: भुंई आंवला Bhumi Amla (Phyllanthus niruri) is also known as ‘Dukong anak’ and as ‘Bhumi Amalaki’ in sanskrit.

 



Bhumi amla is also referred to as Bhui amla, Bhui avla in Marathi, as Kilanelli in Tamil, as Kizhukanelli in Malayalam and as Nela usiraka in Telugu. In English, Bhumi amla is termed gale of the wind, stonebreaker and seed-under-leaf.

भूमि आंवला एक आयुर्वेदिक दवई है। इसके फल बिल्कुल आंवले जैसे दिखते हैं और यह बहुत छोटा पौधा होता है इसलिए इसे भुई आंवला या भूमि आंवला कहते हैं। यह बरसात में अपने आप उग जाता है और छायादार नमी वाले स्थानों पर पूरे साल मिलता है। इसे उखाड़ कर व छाया में सुखा यूज किया जाता है। ये जड़ी- बूटी की दुकान पर भी आसानी से मिल जाता है।

पौधे को कैसे पहचाने

Bhui Amla इसका पौधा (bhumi amla tree) शाखाओं से युक्त, सीधा और भूमि पर फैलने वाला होता है। इसके पत्ते छोटे, चपटे होते हैं। इसके पत्ते आंवले के पत्तों के समान होतेत हैं, लेकिन आंवले के पत्तों की तुलना में ये छोटे एवं चमकीले होते हैं। इसके फल गोलाकार, धात्रीफल जैसे गोल एवं शाखाओं के नीचे एक कतार में निकले हुए होते हैं। Benefits: भुंई आंवला अपने गुणों की वजह से औषधि के तौर पर भी उपयोग किया जाता है. भुंई आंवला का सेवन कई बड़ी बीमारियों में काफी फायदेमंद होता है. पाचन दुरुस्त करने के साथ पेट केअल्सर तक में भुंई आंवला काफी लाभकारी होता है. आपने आंवला तो कई बार खाया होगा लेकिन अगर भुंई आंवला का प्रयोग अब तक नहीं किया है तो आज से ही इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. भुंई आंवला दिखने में आंवला जैसा ही होता है लेकिन यह एक छोटे झाड़ीदार पौधों पर उगता है. भुंई आंवला में एंटी-ऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज के साथ एंटीवायरल गुण भी होते हैं.

कैसे यूज करें-

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट बताते हैं कि इसे तीन तरह से खाया जा सकता है।

> इसके चूर्ण को आधा चम्मच पानी के साथ दिन में 2-3 बार> पौधे का ताजा रस 10 से 20ML 2 से 3 बार> ताजा पौधे को उखाड़ कर और साफ धोकर भी खाया जा सकता है।

फायदे benefits

. यूरिनरी ट्रैक्ट स्टोन – किडनी में स्टोन या पथरी की समस्या बहुत से लोगों को होती है. पथरी होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. पथरी होने की स्थिति में भुंई आंवला का सेवन काफी लाभदायक हो सकता है. अपने गुणों की वजह से इसे ‘Stonebreaker’ भी कहा जाता है. इसमें किडनी स्टोन को ठीक करने की क्षमता होती है. इसके साथ ही भुंई आंवला में मौजूद प्रॉपर्टीज़ गॉलस्टोन को रोकने में मदद करने के साथ ही एसिडिक किडनी स्टोन को बनने से रोकती हैं.

2. हाई ब्लड शुगर – high blood pressure भुंई आंवला का इस्तेमाल डायबिटीज के मरीजों के लिए भी काफी लाभकारी हो सकता है. भुंई आंवला में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल को इंप्रूव करने में मदद कर सकते हैं. भुंई आंवला के सेवन से मेटाबॉलिज्म भी बेहतर होने लगता है.

3. लिवर डिजीज – लिवर संबंधी बीमारियां काफी परेशानी खड़ी कर सकती हैं. भुंई आंवला में मौजूद प्रॉपर्टीज लिवर फंक्शन को बेहतर करती है. इसके साथ ही फ्री रेडिकल्स की वजह से लिवर को होने वाले डैमेज को भी भुंई आंवला का सेवन रोक सकता है. ऐसे में लिवर संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए भुंई आंवला काफी लाभकारी हो सकता है.

4. पेट का अल्सर – पेट संबंधी समस्याओं में एक सबसे मुश्किल परिस्थिति पेट में अल्सर होना है. रिसर्च में पाया गया है कि भुंई आंवला अल्सर के लिए जिम्मेदार बैक्टिरिया को नष्ट कर देता है और इसके चलते इस बीमारी के होने का खतरा काफी कम हो जाता है.

5. ब्लड प्रेशर – ब्लड शुगर की तरह ही ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में भी भुंई आंवला काफी कारगर साबित हो सकता है. हालांकि अगर आपकी सर्जरी की प्लानिंग है तो इसे दो हफ्ते पहले से ही बंद कर देना चाहिए क्योंकि इसमें मौजूद तत्व ब्लड क्लॉटिंग को धीमा कर देते हैं जिससे सर्जरी के दौरा न ब्लिडिंग का रिस्क बढ़ सकता है.

- लीवर बढ़ गया है या उसमे सूजन है तो यह उसके लिए बहुत असरदार दवाई है।- पीलिया में इसकी पत्तियों के पेस्ट को छाछ के साथ मिलाकर दिया जाता है इससे पीलिया बहुत जल्दी ठीक हो जाता है।- किडनी के इन्फेक्शन और किडनी फेलियर में यह बहुत लाभदायक है। यह किडनी के सिस्टम को ठीक करती है। यह डाइयूरेटिक है जिससे यूरिन ज्यादा बनती है जिससे बॉडी की सफाई होती है।

- एन्टीवायरल गुण होने के कारण यह हेपेटाइटिस B और C के लिए रामबाण दवाई है।- मुंह में छाले होने पर इसके पत्तों का रस चबाकर निगल लें या थूक दें। मुंह के छाले ठीक हो जाएंगे।- ब्रेस्ट में सूजन या गांठ हो तो इसके पत्तों का पेस्ट लगा लेने से आराम होगा।- सर्दी- खांसी में इसके साथ तुलसी के पत्ते मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से आराम मिलता है।- डायबिटीज में घाव न भरते हों तो इसका पेस्ट पीसकर लगा दें और इसे काली मिर्च के साथ लिया जाए तो शुगर कंट्रोल हो जाती है।

Dr Anoop Kumar Bajpai

Ayush yog and wellness clinic

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