हमारे देश में कई ऐसे महापुरूष हुए हैं जिनके जीवन और विचारों से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। इन महापुरुषों के विचार ऐसे हैं कि निराशा में घिरा व्यक्ति भी यदि उन्हें पढ़े तो उसका जीवन नई ऊर्जा से भर सकता है। इन्हीं महापुरुषों में एक हैं 12 जनवरी को जन्में स्वामी विवेकानंद। उन्होंने स्वामी रामकृष्ण मठ, रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।
1893 में अमेरिका के शिकागो में हुए विश्व धार्मिक सम्मेलन में उन्होंने भारत और हिंदुत्व का प्रतिनिधित्व किया था तो पूरी दुनिया उनकी ओर आकर्षित हुई। दुनिया के सामने उन्होंने हिंदुत्व को लेकर अपने विचार रखे उसे पूरी दुनिया में हिन्दु धर्म का सम्मान बढ़ा।
विवेकानंद जयंती के मौके पर यहां हम आपको उनके ओजपूर्ण और सकारात्मक 10 बातें बताने जा रहे हैं जो इंसान में अलग सोच पैदा करने की क्षमता रखती हैं।
स्वामी विवेकानन्द के प्रेरक विचार
1- पढ़ने के लिए जरूरी है एकाग्रता, एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान। ध्यान से ही हम इन्द्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते है।
2- दिन में कम से कम एक बार अपने आप से बात करें। अन्यथा आपने दुनिया के सबसे बुद्धिमान व्यक्ति से होने वाली मुलाकात को छोड़ रहे हो।
3- जो लोग आपकी मदद करते हैं उन्हें कभी मत भूलो। जो आपको प्यार करते हैं उनसे कभी घृणा न करो। जो लोग तुम पर भरोसा करते हैं उन्हें कभी भी धोखा न दो।
4- अपने मस्तिष्क को ऊंचे विचारों और उच्चतम आदर्शों से भर दो। इसके बाद आप जो भी कार्य करेंगे वह महान होगा।
5- जब तक तुम अपने आप पर भरोसा नहीं कर सकते तक तुम्हें ईश्वर पर भरोसा नहीं हो सकता।
6- उठो, जागो, और तब तक मत रुको जब तक तुम अपने लक्ष्य को नहीं प्राप्त कर लेते।
7- अलग-अलग धर्मों का अध्ययन करें तो हमें मिलेगा कि सबका अंतिम लक्ष्य एक ही है।
8- कोई भी चीज, जो तुम्हें शारीरिक, मानसिक और धार्मिक रूप से कमजोर करती है, उसे जहर की भांति त्याग दो।
9- हम जो कुछ हैं वह अपने विचारों की देन हैं। इसलिए आप जो कुछ सोचो बहुत ही सावधानी पूर्वक सोचो। विचार के बाद ही शब्द आते हैं। विचार जिंदा रहता है और शब्द यात्रा करते हैं।
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