Wednesday, September 21, 2022

समाधि

 


ध्यान की अंतिम अवस्था का नाम समाधि है जो की स्थिरचित की सर्वोत्तम अवस्था है। 

आत्मविस्मृत की तरह ध्यान ही समाधि है। 

ध्यान करते करते जब तक साधक आत्मविस्मृत हो जाता है, जब केवल धेयय विषयक सत्ता की ही उपलब्धि होती रहती है तथा अपनी सत्ता विस्मृत हो जाती है।  

धेय्य से अपना पृथकत्व की अनुभूति नहीं होती है तब धेय्य विषय पर उस प्रकार का चित्त स्थैर्य ही समाधि है।  समाधि साधना की खोज का अंत है। ( प.यो.द.3 /4)

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