Friday, August 21, 2015

Lotus Pose (Padmasana) पद्मासन : विधि और लाभ

Lotus Pose (Padmasana) पद्मासन : विधि और लाभ

संस्कृत में पद्म का मतलब होता हैं 'कमल' और आसन का मतलब होता हैं 'बैठना' पद्मासन में बैठने के बाद शरीर का आकार कमल के समान होने के कारण पद्मासन को कमलासन यह नाम भी दिया गया हैं। अंग्रेजी में इसे Lotus Pose कहा जाता हैं। पद्मासन यह सामान्यतः ध्यान में बैठने के लिए सर्वमान्य पद्धति हैं। 

Padma = Lotus, asana = posture or pose   Pronounced : Pa-dah-maa-sun-aa

Padmasana or Lotus pose is a cross-legged yoga posture which helps deepen meditation by calming the mind and alleviating various physical ailments. A regular practice of this posture aids in overall blossoming of the practitioner, just like a lotus; and hence the name Padmasana.

पद्मासन की विधि और लाभ संबंधी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :




पद्मासन : विधि और लाभ
पद्मासन विधि
·       एक स्वच्छ और समतल जगह पर दरी या चटाई बिछा दे। 
·       पैरों को सामने की ओर सीधा फैलाकर बैठ जाए। 
·       अब धीरे-धीरे एक पैर को घुटने से मोड़कर पंजे को दुसरे पैर की जांघ (Thigh) पर रखे। 
·       अब दुसरे पैर घुटनों से मोड़कर पहले पैर की जांघ पर रखे। 
·       पैर के तलवों की दिशा पेट की ओर होनी चाहिए। 
·       दोनों पैर के घुटनों का स्पर्श जमीन से होना चाहिए। अभ्यास के साथ आप यह स्तिथि प्राप्त कर सकते हैं। 
·       सिर, मेरुदंड सीधा रखे। 
·       दोनों हाथो को कुंहनियो से मोड़कर घुटनों पर रखे। 
·       आप चाहे तो हाथों से ज्ञानमुद्रा या चिनमुद्रा धारण कर सकते हैं। 
·       कंधो को सीधा रखे 
·       आँखों को बंद करे और सामान्य श्वसन करे। 

How to perform Lotus Pose (Padmasana)
  • Sit on the floor or on a mat with legs stretched out in front of you while keeping the spine erect.
  • Bend the right knee and place it on the left thigh. Make sure that the sole of the feet point upward and the heel is close to the abdomen.
  • Now, repeat the same step with the other leg.
  • With both the legs crossed and feet placed on opposite thighs, place your hands on the knees in mudra position.
  • Keep the head straight and spine erect.
  • Hold and continue with gentle long breaths in and out.

Mudras for Lotus Pose (Padmasana)
Mudras stimulate the flow of energy in body and can have amazing effects when practiced with Padmasana. Every mudra differs from each other and so do their benefits. When sitting in Padmasana, you can deepen your meditation by incorporating either Chin mudra, Chinmayi mudra, Adi mudra or Bhrama mudra. Breathe for a few minutes while in the mudra and observe the flow of energy in the body.

Lotus Pose (Padmasana) for Beginners
If you have problem overlapping both your legs and sitting in Padmasana, you may also sit in Ardha – Padmasana (Half – Lotus pose) by placing any one leg on the opposite thigh. Continue doing so till you feel flexible enough to progress to Padmasana.
पद्मासन में सावधानी बरते ?

निचे दिए हुए रोगों से पीड़ित व्यक्तिओ ने पद्मासन नहीं करना चाहिए :
·       गृध्रसी (Sciatica)
·       संधिवात (Osteo Arthritis)
·       घुटनों में सुजन
·       घुटनों में अत्याधिक कडापन
·       कमरदर्द
पद्मासन के लाभ
·       मन को शांत करता हैं
·       तनाव में कमी
·       एकाग्रता बढाता हैं
·       मेरुदंड को सीधा, लचीला और मजबूत बनाता हैं
·       ध्यान (Meditation) करने के लिए श्रेष्ठ स्तिथि
·       रक्तचाप में नियंत्रण
·       पद्मासन का नियमित अभ्यास करने से पेट और जांघ पर जमी अतिरिक्त चर्बी कम हो जाती हैं 
पद्मासन करते समय शरुआत में परेशानी हो सकती हैं इसलिए अभ्यास के साथ इसका समय बढाये। पद्मासन करते समय कोई तकलीफ होने पर योग विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए। 

Benefits of the Lotus Pose (Padmasana)
·         Improves digestion
·         Reduces muscular tension and brings blood pressure under control
·         Relaxes the mind
·         Helps pregnant ladies during childbirth
·         Reduces menstrual discomfort

Contraindications of the Lotus Pose (Padmasana)
Ankle or knee injury: Perform this pose only with the supervision of an experienced teacher.

Follow-up Poses
Padmasana can be followed up with Adho-Mukho Svanasana.

 Yoga practice helps develop the body and mind bringing a lot of health benefits yet is not a substitute for medicine. It is important to learn and practice yoga postures under the supervision of a trained Yoga teacher. In case of any medical condition, practice yoga postures after consulting a doctor and a Yoga teacher. Find a Yoga course at near you. Do you need information on courses or share feedback? Write to us at yogawithanu@gmail.com


Thursday, August 20, 2015

हलासन योग : विधि और लाभ

हलासन करते समय शरीर का आकार, किसानों द्वारा जमीन जोतने के लिए उपयोग में लाये जानेवाले उपकरण 'हल' के समान होने के कारण इस आसन को हलासन यह नाम दिया गया हैं। अंग्रेजी में इस आसन को 'Plow Pose' कहा जाता हैं। वजन कम करने और मेरुदंड को मजबूत, लचीला बनाने के लिए एक उत्तम आसन हैं।

हलासन की विधि, लाभ और सावधानी की जानकारी निचे दी गयी हैं :

halasana-yoga-benefits-in-hindi
हलासन योग विधि और लाभ 
हलासन की विधि 
  • एक स्वच्छ और समतल जगह पर दरी या चटाई बिछा दे। 
  • सर्वांगासन की शुरुआत की तरह जमीन पर पीठ के बल लेट जाए। 
  • दोनों पैरों को एक दुसरे से मिलाकर रखना हैं। 
  • हथेलियों को कमर के पास जमीन से सटाकर रखे। 
  • मुंह आकाश की ओर रखे और आँखों को बंद कर दे। 
  • शरीर को ढीला रखे। 
  • अब श्वास अंदर ले और पेट को सिकुड़कर पैरों को उठाना चालू करे। 
  • दोनों पैरों का शरीर से समकोण (90 degree angle) बनने पर श्वास छोड़े। 
  • सर्वांगासन की स्तिथि में आने के बाद दोनों पैरो को सिर के पीछे जमीन पर टिकाने का प्रयास करे। 
  • कमर और पीठ को पीछे झुकाने के लिए हाथों का सहारा ले। हाथ कुंहनियो (elbow) से सीधे रखते हुए पीठ के पीछे जमीन से लगाकर रखे। 
  • अपने क्षमतानुसार इस स्तिथि में रुकने के बाद, धीरे-धीरे पीठ और पैर को जमीन से लगाना शुरू करे। 
  • संपूर्ण आसन में घुटनों को मोड़ना नहीं हैं। 
हलासन के लाभ 
  1. पाचन प्रणाली और प्रजनन प्रणाली को मजबूर बनाता हैं। 
  2. पेट पर जमी अतिरिक्त चर्बी को कम करता हैं। वजन कम करने में सहायक हैं। 
  3. मधुमेह के मरीजो के लिए लाभदायक हैं।  
  4. गर्दन, कंधे, पेट, पीठ और कमर के स्नायु मजबूत बनते हैं। 
  5. मेरुदंड मजबूत और लचीला बनता हैं। 
  6. रजोनिवृत्ति (Menopause), अनिद्रा (Insomnia), बाँझपन (Infertile), सिरदर्द (Sinusitis) और थाइरोइड के विकार में यह आसन करने से लाभ मिलता हैं।  
हलासन में क्या सावधानी बरतना चाहिए ?
  • निचे दिए हुए रोगों से पीड़ित व्यक्तिओ ने यह आसन नहीं करना चाहिए :
  1. उच्च रक्तचाप - High BP 
  2. चक्कर आना - Vertigo 
  3. कमर दर्द - Lumbar Spondylitis 
  4. गर्दन में दर्द - Cervical Spondylitis 
  5. हड्डी में क्षय रोग - Bone TB 
  6. हृदयरोग - Heart disease 
  7. गर्भावस्था - Pregnancy 
  8. मासिक धर्म के प्रथम 2 दिन - Mensturation 
  • अत्यधिक मोटापा होने पर शुरुआत में कठिनाई हो सकती हैं इसलिए क्षमतानुसार धीरे-धीरे प्रयास करे।
  • पैर को ऊपर, पीछे और निचे लाते समय धीरे-धीरे क्रिया करनी है और पैरो को झटका नहीं देना हैं। 
  • कमर दर्द, गर्दन दर्द या मेरुदंड में कोई तकलीफ होने पर अपने डॉक्टर की सलाह लेकर यह आसन करे। 
हलासन का अधिक लाभ लेने के लिए हलासन करने के बाद आप मत्स्यासन भी कर सकते हैं। योगासन करते समय किसी भी तरह की तकलीफ होने पर योग विशेषज्ञ और डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए। 

आपसे अनुरोध है कि आप आपने सुझाव, प्रतिक्रिया या स्वास्थ्य संबंधित प्रश्न निचे mail yogawithanu@gmail.com 
Keywords : Halasana Yoga benefits in Hindi, हलासन योग विधि और लाभ 


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