Friday, August 28, 2015

उत्तान पादासन से तुरंत पेट अंदर 1

 

उत्तान पादासन से तुरंत पेट अंदर 1

आधुनिकता की अंधी दौड़ में खान-पान, रहन-सहन, आचार-विचार और जीवन पद्धति के विकृत हो जाने से आज सारा समाज अनेक प्रकार के रोगों से ग्रस्त हैं। खासकर वह अपच, कब्ज, मोटापा, तोंद और अन्य पेट संबंधी बीमारियों से परेशान हो गया है। सभी के निदान के लिए लिए योग ही एकमात्र उपाय है। यहां प्रस्तुत है पेट को अंदर करने के लिए अचूक आसन उत्तान पादासन।

सावधानी : जब कमर में दर्द तथा मांसपेशियों में ऐंठन की शिकायत हो, उस समय इस आसन का अभ्यास नहीं करें। गर्भावस्था के दौरान महिलाएं अभ्यास न करें।

इस आसन को स्त्री पुरुष समान रूप से कर सकते हैं। छह सात वर्ष के बालक-बालिकाएं भी इसे कर सकते हैं। यह बहुत आसान आसन है एवं अधिक लाभदायक है। करने की शर्त यह कि आपको पेट और कमर में किसी प्रकार का कोई गंभीर रोग न हो। यदि ऐसा है तो किसी योग चिकित्सक से पूछकर करें।

पहली विधि : पीठ के बल भूमि पर चित्त लेट जाएं। दोनों हथेलियों को जांघों के साथ भूमि पर स्पर्श करने दें। दोनों पैरों के घुटनों, एड़ियों और अंगूठों को आपस में सटाए रखें और टांगें तानकर रखें।

अब श्वास भरते हुए दोनों पैरों को मिलाते हुए धीमी गति से भूमि से करीब डेढ़ फुट ऊपर उठाएं अर्थात करीब 45 डिग्री कोण बनने तक ऊंचे उठाकर रखें। फिर श्वास जितनी देर आसानी से रोक सकें उतनी देर तक पैर ऊपर रखें।

फिर धीरे-धीरे श्वास छोड़ते हुए पांव नीचे लाकर बहुत धीरे से भूमि पर रख दें और शरीर को ढीला छोड़कर शवासन करें।

आसन अवधि : इस आसन का प्रात: और संध्या को खाली पेट यथाशक्ति अभ्यास करें। जब आप श्वास को छाती में एक मिनट से दो तीन मिनट तक रोकने का अभ्यास कर लेंगे तब आपका आसन सिद्ध हो जाएगा।

इसका लाभ :
*इसके अभ्यास से पेट और छाती का थुलथुलापन, पेडू का भद्दापन दूर हो जाता है।
* पेट के स्नायुओं को बड़ा बल मिलता है जिससे कद बढ़ता है।
* इसे कहते रहने से पेट कद्दू की तरह कभी बड़ा नहीं हो सकता।
* यह आसन पेट का मोटापा दूर करने के अतिरिक्त पेट की आंतें सुदृढ़ कर पाचन शक्ति को बढ़ाता है।
* इस आसन के नियमित अभ्यास से गैस और अपच का नाश होता है।
* पूराने से पुराना कब्ज का रोग दूर होता है और खूब भूख लगती है।
* उदर संबंधी अनेक रोक नष्ट होते हैं।
* नाभि केंद्र जो बहत्तर हजार नाड़ियों का केंद्र है। उसे ठीक करने के लिए उत्तान पादासन सर्वश्रेष्ठ है।
* इसके अभ्यास द्वारा नाभि मंडल स्वत: ही ठीक हो जाता है

Anoop kumar Bajpai
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